मुरैना में महापौर की भैंस के लिए नगर निगम की गोशाला से सरकारी एम्बुलेंस में भरकर भूसा मंगाया गया। उनके निजी नौकर ने इस बात को स्वीकार किया है। मामला सोमवार का है। इसका वीडियो मंगलवार को सामने आया।
महापौर शारदा सोलंकी के लिए नगर निगम ने नया आवास बनवाया है, लेकिन वे पुराने आवास पर ही रह रही हैं। यहां उन्होंने भैंस पाल रखी है। इसी भैंस के लिए निगम की देवरी गोशाला से दो बोरों में भूसा भरा गया। फिर निगम की ही पशु एम्बुलेंस में इसे लादा गया। एम्बुलेंस महापौर आवास पर पहुंची, जहां भूसे से भरे बोरे उतारे गए।
महापौर आवास पर ही उनका दफ्तर भी है। यहां पली भैंस की देखभाल के लिए उन्होंने एक नौकर भी रखा है। सरकारी एम्बुलेंस से चारा ढोने का वीडियो आने के बाद अब इस नौकर के वेतन के स्रोत पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

गोसेवक बोले- जरूरत पड़ने पर नहीं मिलती एम्बुलेंस
देवरी गोशाला नगर निगम चलाता है। शहर के समाजसेवी इसमें मदद करते हैं। इसी पैसे से चारा, भूसा और अन्य व्यवस्थाएं की जाती हैं। बीमार या घायल गायों के इलाज के लिए नगर निगम को सरकारी एम्बुलेंस दी गई है।
गोसेवक रुद्र प्रताप ने कहा- जब कभी भी हम बीमार पशु के लिए एम्बुलेंस बुलाते हैं तो वह घंटों बाद आती है। कभी-कभी तो आती ही नहीं। पशुओं के लिए प्राइवेट वाहन की व्यवस्थाएं करनी पड़ती है। जबकि इस एम्बुलेंस का इस्तेमाल महापौर के निजी पशुओं के लिए किया जा रहा है। ये गलत है। हम इसकी शिकायत करेंगे।
गोशाला प्रभारी ने कहा- मामले को दिखवाता हूं
देवरी गोशाला प्रभारी कोमल सिंह ने कहा- महापौर के बंगले पर एम्बुलेंस से भूसा पहुंचाना गलत है। मामले को दिखवाता हूं।”

महापौर की सफाई- टाल से आता है भूसा
महापौर शारदा सोलंकी ने एम्बुलेंस से भूसा लाने की बात को नकारते हुए कहा- भैंस भूसा ही खाएगी। यहां पली भैंस के लिए भूसा प्राइवेट टाल से आता है। एम्बुलेंस के इस्तेमाल के उपयोग का आरोप गलत है।
उन्होंने कहा- मैं गायों से असीम प्रेम करती हूं। उनकी सेवा करती हूं। मैंने गोशाला की स्थिति में सुधार किया है। महीने में एक बार निरीक्षण करने जाती हूं।

2024 में कांग्रेस से बीजेपी में आईं
कांग्रेस नेता शारदा सोलंकी जुलाई 2022 में महापौर चुनी गई थीं। 2024 लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गईं। इससे पहले मंडी सदस्य भी रही हैं।
सोलंकी के जेठ बाबूलाल सोलंकी 1980 में मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद रहे हैं।
नगर निगम कमिश्नर ने नहीं उठाया फोन
मामले में नगर निगम कमिश्नर सतेंद्र सिंह धाकरे से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।