यही है जनसेवक संजय पाठक जी को बदनाम करने का कांग्रेसी छुटभैयों का प्रोपोगेंडा , कौन हैं ये प्रोपोगेंडा फैलाने वाले और साजिश रचने वाले लोग
सोशल मीडिया, मीडिया में एक खास छुटभैये ग्रुप के सहयोग से शातिराना ढंग से परोसी जा रही झूठी, एक तरफा बनावटी और अर्धसत्य खबरों के पीछे की सच
कटनी भोपाल जबलपुर सहित मप्र के सभी लोगों के पास सोशल मीडिया,वेब पोर्टल,तथाकथित यूट्यूब चैनल सहित मीडिया के एक खास ग्रुप के सहयोग से कटनी जिले सहित प्रदेश के बड़े हिस्से में लोगों के कठिनसमय,सुखदुख में काम आने वाले सहयोग करने वाले पॉपुलर जनसेवक पिछले 25 वर्षों से चुने जा रहे लगातार 5 बार के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रधान सेवक श्री संजय सत्येन्द्र पाठक के विरुद्ध कांग्रेस से जुड़े एक छुटभैये गुट के लोगों द्वारा चोरी के लाखों करोड़ों रुपए की फंडिंग से सोशल मीडिया, मीडिया के एक खास ग्रुप के सहयोग से शातिराना ढंग से झूठी, एक तरफा बनावटी और अर्धसत्य खबरें परोसी जा रही हैं।
पिछले एक साल से अधिक समय से खबरें चला कर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए खबरें चला कर लोगों द्वारा शातिराना ढंग से खबरों को इस तरह से पेश किया जा रहा है ये लोग जो आरोप लगाएं वही सच है इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश है और ये सब कर रहे है कांग्रेस से जुड़े दो छुटभैये जिनका इतिहास रहा है कटनी में लोगों की जमीन कब्जा करना, अवांछित तत्वों को प्रश्रय दे कर लोगों को ब्लैकमेल करना, कोयला ले जा रहे ट्रक से कोयला चुराना ब्लैक में चोरी के कोयले को बेच देना….. पता नहीं और क्या क्या बताया जाए लोग सब जानते है । इनको फंडिंग हो रही है संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं लाखों रुपए दिए जा रहे हैं कुछ सालों में चोरी करने वाले चोरों द्वारा! जिनको रुपए पैसों की चोरी करते हड़पते पकड़ा गया था। ये लोग एक उद्देश्य बनाकर श्री संजय पाठक को बदनाम करने के लिए झूठा प्रोपोगेंडा फैला रहे हैं तरह तरह की साजिश रच रहे हैं चोरी के लाखों करोड़ों रुपए के हिस्से में हमें भी कुछ मिल जाए इसके लिए कुछ सोशल मीडिया,वेब पोर्टल,तथाकथित यूट्यूब चैनल से जुड़े लोग चंद सिक्कों के लिए शातिराना ढंग से परिवार से जुड़ी कंपनियों को लेकर एकतरफा बनावटी आधा सत्य आधा असत्य वाली खबरें परोस रहें है । स्थिति ऐसी है ये लोग खुद आरोप लगाते हैं वो जमीन कैसे खरीद ली, ये जमीन कैसे खरीद ली, शासकीय कलेक्टर रेट पर जमीन कैसे खरीद ली, जो हम अनाप सनाप रेट बोलें उस रेट पर खरीदना था, 100 साल पुरानी कंपनियों ने इतना प्रोडक्शन कैसे किया और अगले ही पल खुद जज बनकर अपनी मर्जी का एकतरफा फैसला सुनाने लगते है जबकि कोई भी आरोप है तो दूसरे पक्ष का जवाब आने के बाद सत्य को सामने आने दीजिए , पर इनका एक ही उद्देश्य है षड्यंत्र के तरह झूठ को इतना फैलाओं की लोग उस झूठ को ही सच मानने लगे ।
