इंदौर में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। प्रिंसिपल ने दो टीचरों से स्थायी नियुक्ति के लिए रुपए की मांग की थी।
टीचरों ने जैसे ही रिश्वत का लिफाफा प्रिंसिपल को दिया, लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद प्रिंसिपल कहने लगी कि गलती हो गई।
मामला शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया सांवेर (इंदौर) का है। यहां के टीचर आशीष मारू (40) ने शासकीय उत्कृष्ट बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी।
प्रिंसिपल ने दो शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की फाइल जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ऑफिस भेजने के एवज में 2 हजार रुपए मांगे थे। जिसके बाद लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की धारा-7 के अंतर्गत कार्रवाई की।

प्रिंसिपल ने कहा- लिफाफे में रखकर देना पैसे
लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 आशीष पिता शिवप्रसाद मारू ने शिकायत की थी। आशीष का 13 सितंबर 2021 को स्कूल में पदस्थापन हुआ था। 13 सितंबर 2024 को उनका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो गया।
उन्होंने शिकायत में बताया था कि उसके और उनके साथी शिक्षक महेश गोयल से प्रिंसिपल ने एक-एक हजार रुपए मांगे हैं। प्रिंसिपल ने कहा था कि ये पैसा लिफाफा में रखकर देना। उन्होंने लिफाफा बनाया और प्रिंसिपल को दिया। प्रिंसिपल ने लिफाफा सीधे अपने हैंडबैग में रख लिया।
केबिन से निकलते ही टीचरों ने किया इशारा
प्रिंसिपल के कक्ष से बाहर आकर आवेदक ने स्कूल में मौजूद लोकायुक्त टीम को इशारा किया। इशारा मिलते ही लोकायुक्त की टीम ने प्रिंसिपल को रंगे हाथों पकड़ लिया। हैंडबैग से लिफाफा जब्त किया। उनके हाथ धुलवाए तो रंगीन हो गए
संकुल के माध्यम से जानी है टीचरों की फाइल
स्थायी नियुक्ति के लिए फाइल संकुल प्रिंसिपल के माध्यम से डीईओ ऑफिस भेजी जानी थी। शिक्षक की संस्था ने 27 जनवरी 2025 को संबंधित फाइल संकुल प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया के पास भेजी थी। शिक्षक महेश गोयल की फाइल भी भेजी गई। शिकायत की पुष्टि होने पर लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाकर प्रिंसिपल को पकड़ लिया।”