
मध्य प्रदेश में मक्का और धान के रकबे में वृद्धि के चलते यूरिया की मांग तेजी से बढ़ गई है, जिससे प्रदेश में करीब 3.5 लाख मीट्रिक टन यूरिया की कमी हो गई है। सितंबर 2025 में लगभग 4 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग थी, लेकिन अब तक केवल 60 हजार मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो सका है। बाकी की आपूर्ति अगले 24 दिनों में पूरी करने का भरोसा दिया जा रहा है।
कृषि विभाग के अनुसार, इस बार मक्का का रकबा 20.8 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है, जबकि धान का क्षेत्रफल भी बढ़कर 36.32 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसके विपरीत, सोयाबीन की बोआई घटकर 51.20 लाख हेक्टेयर रह गई है। चूंकि मक्का में यूरिया का अधिक उपयोग होता है, इसलिए मांग में एक लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई।

हालात ऐसे बन गए हैं कि कई जिलों में किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं, प्रदर्शन हो रहे हैं, और कुछ जिलों में प्रशासनिक स्तर पर विवाद भी सामने आ चुके हैं। किसानों का कहना है कि बिना यूरिया के फसलें प्रभावित होंगी।
अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही स्थिति सुधरेगी और आवश्यकतानुसार खाद किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।