मेरे भाई! तुम जहां, कहीं भी हो…अगर मेरी आवाज तुम तक पहुंच रही है, तो घर वापस लौट जाओ…हमें तुम्हारी बहुत याद आती है। ये अपील वे दो बहनें कर रही हैं जो इस रक्षाबंधन पर अपने इकलौते भाई को राखी नहीं बांध सकीं। अपने लापता भाई को ढूंढने के लिए दोनों बहनें दिन-रात एक कर रही हैं।
यह कहानी जबलपुर के नयागांव में रहने वाले 27 वर्षीय उज्जवल चौधरी की है। उज्जवल 20 जुलाई को अचानक लापता हो गया था। उज्जवल के माता-पिता ने पुलिस में भी रिपोर्ट लिखवाई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद दोनों बहनों ने अपने भाई को ढूंढने का बीड़ा उठाया और हर जगह उसकी गुमशुदगी के पोस्टर चिपकाना और बांटना शुरू कर दिया। बहन शिवानी और रागनी जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, मंडला, भोपाल सहित अन्य जिलों में 3 हजार से ज्यादा पोस्टर चिपका चुकी हैं, लेकिन उज्जवल का अब तक कोई पता नहीं चला। दोनों बहनों ने प्रदेश सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है।
इस तरह लापता हुआ था उज्जवल
उज्जवल ने एमसीए की पढ़ाई की थी। वह सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट गया था। 2023 में जीसीएफ फैक्ट्री का कॉल लेटर आया, पर उसने ज्वाइन नहीं किया। पिता ने उसे डांटा। एक साल से उज्जवल घर पर ही गुमसुम रहता था। माता-पिता और बहनों ने वजह पूछी तो चुप रह गया। 20 जुलाई की सुबह 10 बजे उज्जवल स्कूटर लेकर भेड़ाघाट चला गया। वहां उसने स्टैंड पर गाड़ी खड़ी करने के बाद यहां-वहां घूमने लगा। पुलिसकर्मियों ने जब उसे देखा तो बात करने के बाद पिता को जानकारी दी। थोड़ी देर बाद पिता और बड़ी बहन भेड़ाघाट पहुंचे तो उज्जवल ने चलने से मना कर दिया कहा कि आप लोग चलो मैं आ जाऊंगा।
पिता और बड़ी बहन ने उज्जवल को साथ में ले जाने की बहुत कोशिश की, पर वह तैयार नहीं हुआ। भेड़ाघाट थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों ने उज्जवल को बस में बैठाया। पीछे-पीछे पिता और बहन स्कूटी से आ रहे थे। भेड़ाघाट चौराहे पर जैसे ही बस रुकी तो उज्जवल नीचे उतर गया। पिता ने साथ चलने को कहा तो वह कहने लगा कि प्यास लगी है, पानी ला दीजिए। इस बीच बहन शिवानी उज्जवल की गाड़ी लेकर घर आ गई। पिता पानी की बोतल लेने के लिए दुकान गए और जब वापस लौटकर आए तो उज्जवल गायब था। पिता ने आसपास बेटे को बहुत देर तक तलाश किया पर वह नहीं मिला, इसके बाद राजेश चौधरी ने भेड़ाघाट थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
न्यूज पेपर-सोशल मीडिया का भी लिया सहारा
उज्जवल की छोटी बहन रागनी चौधरी ने बताया कि डेढ़ माह हो चुके हैं। भाई का कुछ पता नहीं चल पाया है। पोस्टर लगाने के साथ-साथ न्यूज पेपर, सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया। रागनी को उम्मीद है कि एक न एक दिन उनकी मेहनत जरूर रंग लाएगी और उज्जवल लौटकर आएगा। भाई को ढूंढने के लिए मंत्री, सांसद और एसपी से भी मुलाकात की पर हर जगह से नाउम्मीद ही मिली है।
ज्योतिषी-बाबाओं की भी ली मदद
उज्जवल की बड़ी बहन शिवानी, छोटी बहन रागनी के साथ मिलकर रोजाना भाई को तलाश करने के लिए भटक रही हैं। पोस्टर लगाए जा रहे हैं। शिवानी ने बताया कि ज्योतिषी, बाबाओं से संपर्क किया तो उनका कहना था कि 10-12 दिन में आ जाएगा। कोई बोलता पूर्व दिशा में गया है, कोई कहता पश्चिम दिशा में घूम रहा है। ऐसा कहते हुए डेढ़ माह बीत चुके हैं। कहीं से फायदा नहीं मिल रहा है। मंत्री राकेश सिंह से भी बात की गई, उन्होंने पुलिस से बात भी की पर पता नहीं चल पाया। दोनों बहनों ने पोस्टर के माध्यम से कहा है कि जो भी उनके भाई के विषय में जानकारी देगा उसे 21 हजार रुपए का इनाम भी दिया जाएगा।”

