इंदौर में पुलिस जब भाजपा नेता को थाने ले गई तो 50 से ज्यादा लोग भी पहुंच गए। इनमें पार्षद राकेश जैन भी शामिल थे। वे पुलिस पर भाजपा नेता को छोड़ने का दबाव बनाकर छुड़ा ले आए।
घटना द्वारकापुरी में 5 सितंबर की है। भाजपा पार्षद राकेश जैन के समर्थक सूरज शर्मा का एक वीडियो सामने आने पर पुलिस उसे 10 सितंबर मंगलवार देर रात थाने ले गई थी। सूरज ने पड़ोस में रहने वाली महिलाओं को पिस्टल दिखाकर धमकाया था। पूछताछ में उसने दावा किया कि वह असली पिस्टल नहीं, बल्कि लाइटर था।
थाने में पूछताछ चल ही रही थी कि बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पार्षद राकेश जैन के साथ पहुंच गए। वे टीआई सुशील पटेल पर सूरज को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। इस बीच विधायक मालिनी गौड़ के हस्तक्षेप के बाद बिना किसी कानूनी कार्रवाई के सूरज को रात करीब 1 बजे छोड़ दिया गया।

पोस्टर में फोटो न लगाने पर हुआ था विवाद
जानकारी के अनुसार, पार्षद राकेश जैन के वार्ड 85 में गोपाल पाल ने एक पोस्टर लगाया था। इस पोस्टर में वार्ड 82 के पार्षद शानू शर्मा का फोटो था। पोस्टर सूरज शर्मा के घर के पास लगा था, जिस पर खुद का फोटो नहीं होने पर उसने विवाद किया।
सूरज ने धमकी दी और अगले दिन पार्षद शानू शर्मा की तस्वीर वाला बैनर हटवाकर दूसरा बैनर लगवा दिया। इसके बाद गोपाल के पिता से सूरज की कहासुनी हो गई। सूरज पिस्टल लेकर मौके पर पहुंच गया। मामला बाद में क्षेत्रीय विधायक तक पहुंचा। करीब दो घंटे थाने में बैठने के बाद स्थानीय कार्यकर्ताओं के दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
पीड़ित बोली- सूरज ने कपड़े खींचे, झूमाझटकी की

पीड़ित हरिबाई ने बताया, 5 सितंबर को घर पर गोपाल के पिता थे। बेटे बाहर गए थे। मैंने डर के मारे उन्हें घर के अंदर कर लिया। सूरज ने मेरे साथ झूमाझटकी की। अपशब्द कहे। बंदूक दिखाकर कहा कि पति को बाहर भेजो। इस बीच उसने मेरे कपड़े भी खींचे। हम शिकायत करने थाने पहुंचे थे, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।
पोस्टर हटाकर विवाद करने लगा सूरज

पोस्टर लगाने वाले गोपाल पाल ने बताया, पोस्टर में सभी नेताओं के फोटो थे। शानू जी से हमारे पिता से अच्छे संबंध हैं। इसलिए पोस्टर पर उनका फोटो लगवाया था। सूरज ने चौराहे पर लगे इस पोस्टर को हटा दिया और बोला कि यहां बैनर नहीं लगाना है। फिर विवाद करने लगा। घर में गणेश जी विराजित थे इसलिए हम शांत रहे। बाद में सूरत ने पोस्टर दूसरा लगवा दिया।

पूछताछ के बाद सूरज को नोटिस दिया
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें सूरज शर्मा के हाथ में पिस्टल जैसी कोई वस्तु दिखाई दे रही थी। इस वीडियो को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने संज्ञान में लिया। द्वारकापुरी थाना प्रभारी सुशील पटेल, सूरज शर्मा को थाने लेकर आए थे। पूछताछ के बाद उसे नोटिस दिया गया है। सूरज ने बताया कि जो वस्तु उसके हाथ में थी, वह असली पिस्टल नहीं, बल्कि एक लाइटर था।जनप्रतिनिधि भी अपनी बात रखने के लिए द्वारकापुरी थाने पहुंचे थे।

पहले भी विवादों में रहा है सूरज शर्मा
सूरज शर्मा पहले भी विवादों में रह चुका है। करीब डेढ़ साल पहले थाने के अंदर ही उसका एक गुट से झगड़ा हुआ था, जिसमें हंगामा मचा था। पुलिस को दोनों पक्षों पर कार्रवाई करनी पड़ी थी। 2022 में वह कलेक्टर कार्यालय में फर्जी मामला लेकर पहुंचा था, जहां एसडीएम पवन जैन ने उसे फटकार लगाई थी। सूरज शर्मा का नाम अक्सर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से टकराव में सामने आता रहा है”
