
कटनी।मध्यप्रदेश में राइस मिल मालिकों पर सरकार ने एकतरफा और जबरन कार्रवाई शुरू कर दी है। जबलपुर, कटनी, सिवनी सहित कई जिलों में FIR दर्ज कर सरकार ने मिल मालिकों को घोटालेबाज बताने की कोशिश की, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।सरकार का आरोप है कि मिल मालिकों ने फर्जी ट्रकों से धान का परिवहन दिखाया। लेकिन मिल मालिकों का कहना है कि जिन ट्रकों, गेट पास और दस्तावेजों की बात हो रही है, वो सब सरकारी पोर्टल से बने हैं। अगर कोई गड़बड़ी है तो सिस्टम में है, व्यापारियों में नहीं।व्यापारियों का साफ आरोप – ये जांच नहीं, बदले की कार्रवाई है।सरकार अधिकारियों को बचा रही है और मिल मालिकों को फंसा रही है। जिन्होंने सिर्फ काम किया, आज उन्हीं पर केस हो रहा है। प्रशासन ने बिना पूछे, बिना मौका दिए सीधे FIR कर दी।राइस मिल एसोसिएशन ने दी चेतावनी:अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं रोकी तो पूरे प्रदेश की राइस मिलें बंद कर दी जाएंगी। इससे न सिर्फ राशन वितरण रुकेगा, बल्कि किसानों को भी नुकसान होगा।साफ सवाल सरकार से:जब गड़बड़ी सरकारी सिस्टम में है, तो जिम्मेदार मिल मालिक कैसे?क्या अब व्यापार करना जुर्म है?क्या जांच का नाम लेकर व्यापारियों को डराना ही नीति बन गई है?व्यापारियों का कहना है कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होती और जिम्मेदार अफसरों पर भी कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।”हम घोटालेबाज नहीं – मेहनतकश व्यापारी हैं!”