कटनी जिला अस्पताल में मरीजों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। दूर-दराज से आए मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा, क्योंकि डॉक्टर अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं। आलम यह है कि सुबह जब सबसे ज्यादा मरीज आते हैं तो डॉक्टरों के चेंबर खाली पड़े रहते हैं।
आज सुबह भी जिला अस्पताल का यही हाल था। मेडिसिन ओपीडी में तीन डॉक्टरों की ड्यूटी थी, लेकिन सिर्फ एक ही डॉक्टर मौजूद थे। बाकी दो डॉक्टर अपने चेंबर से गायब थे। मरीजों ने बताया कि वे दो घंटे से ज़्यादा समय से डॉक्टर का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। उन्हें कई बार बिना इलाज के ही लौटना पड़ता है।
पड़ोसी जिलों के मरीज भी होते हैं निराश
कटनी जिला अस्पताल में सिर्फ स्थानीय मरीजों का ही नहीं, बल्कि उमरिया, मैहर और पन्ना जैसे पड़ोसी जिलों के मरीजों का भी भार रहता है। बेहतर इलाज की उम्मीद में आने वाले इन मरीजों को भी डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण निराशा ही हाथ लगती है।
मातृ एवं शिशु विंग में भी दुर्दशा
जिला अस्पताल के पीछे बनी नई मातृ एवं शिशु विंग की हालत भी खराब है। सिर्फ एक ही रजिस्ट्रेशन काउंटर होने के कारण 50 से ज़्यादा महिलाएं लाइन में खड़ी थीं, जिनमें से ज़्यादातर गर्भवती थीं। लंबी कतार के चलते कई गर्भवती महिलाएं थक कर फर्श पर ही बैठ गईं।
राउंड पर होने तो कभी ज़रूरी काम से बाहर जाने का बहाना
डॉक्टरों के कमरों के बाहर मरीज इंतज़ार करते रहे, जबकि नर्सें कभी डॉक्टर के राउंड पर होने तो कभी किसी ज़रूरी काम से बाहर जाने का बहाना बनाती रहीं। सिविल सर्जन यशवंत वर्मा ने आश्वासन दिया है कि ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि मातृ एवं शिशु विंग में गहन चिकित्सा इकाई का निर्माण किया जा रहा है और ओपीडी का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे और शाम 5 बजे से 6 बजे तक है। हालांकि, ये आश्वासन ज़मीनी हकीकत से दूर नजर आते हैं, जहां मरीजों को लगातार असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।